ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में क्या फर्क है

 




आज कल हम देख रहे की बहुत सारे लोग यूट्यूब या अन्य सोशल मीडिया को देखकर  स्टॉक मार्केट और क्रिप्टोकरन्सी  मे आ रहे है और इसमे युवाओं का  हिस्सा  ज़्यादा  है पर इनको उतनी परिपूर्ण जानकारी भी नही बस किसी ने कहा और डिमैट एकाउंट ओपन करके ट्रेडिंग स्टार्ट कर दिए। और किसी के कहने पर कुछ स्टॉक खरीददारी कर रहे है।

अगर उनसे यह सवाल पूछा जाए कि तुम ट्रेडिंग कर रहे हो या इन्वेस्टमेंट तो वे बता नही पाते।
 मार्केट कैसे वर्क  करता हैं इसका चढ-उतार क्या होता है,इसमे नफा -नुकसान कैसे होता इसकि जानकारी भी नही रहती है । शेयर बाज़ार को एक दिन या एक महीने में नही समझ सकते उसके लिए आपको बहुत समय देना पड़ेगा और कड़ी मेहनत करनी होंगी।
सो तो आज हम इस bolgs  से इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग में क्या फर्क है यह समझेगें।

 निवेश क्या है?
निवेश एक long-term दृष्टिकोण है जहां लक्ष्य म्यूचुअल फंड जैसी निवेश योजनाओं का उपयोग करके धीरे-धीरे धन का निर्माण करना है, स्टॉक, बॉन्ड, स्टॉक की एक टोकरी, और बहुत कुछ खरीदना और बेचना। व्यापार के विपरीत, निवेश कई वर्षों और दशकों के लिए ब्याज, लाभांश, स्टॉक विभाजन, और कई और अधिक के साथ आयोजित किया जाता है। इसके अलावा, निवेश में, डाउनट्रेंड और बाजार में उतार-चढ़ाव के जोखिम से इंकार किया जाता है क्योंकि हमेशा एक उम्मीद होती है कि कीमतें बढ़ेंगी, और चूंकि यह एक Long-term investment है, इसलिए निवेशक को विशेष डाउनट्रेंड के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह टिकेगा एक छोटी समय या और निवेशक बाजार के मूल सिद्धांतों के बारे में अधिक चिंतित हैं, न कि ऊपर या नीचे के रुझान जो हर दिन बदलते हैं।
मार्केट फंडामेंटल कैसा है जैसे कि प्राइस टू अर्निंग, रेशियो (पी/ई रेशियो) Long term  में निवेशकों के लिए प्रमुख रुचि है।


इन्वेस्टर्स हमेशा बिज़नेस मैन की तरह सोचते है जिस तरह बिज़नेस मैन किसी बिज़नेस को समझते है और बड़ी बारीकी से उस बिज़नेस को परखते है इन्वेस्टर्स भी उसी बारीकी से कंपनी को परखते है।

इन्वेस्टिंग में कंपनी अनालिसिस के लिए फंडामेंटल अनालिसिस को फॉलो किया जाता है।अगर आप राकेश झुनझुनवाला,वारेन बफे या और भी इस क्षेत्र के लोंगो को पढेंगे तो पता चलता कि यह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करते है।

👉 ट्रेडिंग क्या हैं
ट्रेडिंग एक Short term और अस्थिर प्रक्रिया है जिसमें बाजार के रुझानों के आधार पर बार-बार लेनदेन शामिल होता है। म्यूचुअल फंड या बॉन्ड जैसे लंबी अवधि के लेनदेन की तुलना में यह अपेक्षाकृत कम है। व्यापार के सामान्य उदाहरण स्टॉक, कमोडिटीज, मुद्राएं [विदेशी मुद्रा], या अन्य वित्तीय साधन हैं। निवेश पर ट्रेडिंग का लाभ अधिक लाभ है। मान लीजिए कि लंबी अवधि के निवेशक सालाना लाभ का 10-15% कमाते हैं।  ट्रेडिंग में व्यापारी की पसंद और निर्णय के आधार पर एक व्यापारी मासिक रूप से 10-15% कमा सकता है। लेकिन यह पूरी तरह से  बिलकुल सही भी नहीं है; स्टॉक मार्केट गतिशील और अस्थिर है; यह एक हाई रिस्क वाली पैसा बनाने की प्रक्रिया है जहां बाजार के रुझान सीधे व्यापार को प्रभावित करते हैं और भारी लाभ और बड़ा नुकसान  दोनों का सामना करना पड़ सकता हैं। ट्रेडिंग का मूल(Buy-sell) आधार कीमत कम होने पर खरीदना और कीमत अधिक होने पर बेचना है, लेकिन रिवर्स ट्रेडिंग और शॉर्ट-सेलिंग जैसी कई अन्य रणनीतियाँ हैं, जिनका उपयोग केवल अनुभवी व्यापारी ही अल्पावधि में उच्च लाभ कमाने के लिए करते हैं। ऐसी रणनीतियाँ जोखिम भरी होती हैं और नए लोगों के लिए सही नहीं होती हैं।

निवेश और व्यापार के बीच प्रमुख अंतर दृष्टिकोण, जोखिम और Timing ये शामिल हैं। दोनों को करना ठीक है, और यह इन दोनों में से किसी एक या दोनों के बीच चयन करने के लिए व्यक्ति की रिस्क लेने की क्षमता और धैर्य पर निर्भर करता है। निवेश दीर्घकालिक है और इसमें कम जोखिम शामिल है, जबकि व्यापार अल्पकालिक है और इसमें उच्च जोखिम शामिल है। दोनों मुनाफा कमाते हैं, लेकिन सही निर्णय कब लेना है इनकी समझ है तो व्यापारी अक्सर निवेशकों की तुलना में अधिक लाभ कमाते हैं, और बाजार उसी आधार पर प्रदर्शन करता है।

ट्रेडिंग के प्रकार 

• स्केलपिंग ट्रेडिंग (SCALPING TRADING)

• इंट्राडे ट्रेडिंग (INTRADAY TRADING)

• स्विंग ट्रेडिंग (SWING TRADING)

• पोजीशन ट्रेडिंग (POSITION TRADING)

  ट्रेडिंग करना एक हाई रिस्क हो सकता है। यदि कोई व्यापार आपके खिलाफ जाता है, तो आप थोड़े समय में बहुत सारा पैसा खो सकते हैं। और व्यापारी अक्सर एवरेज का उपयोग करके अपने जोखिम को बढ़ाते हैं - यानी, पैसे उधार लेना या पैसे के साथ संपत्ति खरीदना जो उनके पास नही रहती। इसलिए आपको सुबह से मार्केट क्लोज़ होने तक सावधान रहने पड़ता है।
तो इन दोनों में से आपके के लिये क्या बेहतर होगा यह आपको तय करना होगा ।उसके बाद ही अपना कार्य शुरु करें।
धन्यवाद।


Comments

Anonymous said…
very nice infomartiom and advice......